Thursday, 20 February 2014

आप की अवाजनीति: राजनीति का नवीन पॉवर पॉइंट प्रस्तुति

आप की अवाजनीति: राजनीति का नवीन पॉवर पॉइंट प्रस्तुति 

राहुल रंजन 
आज का दिन यानि २८ दिसंबर २०१३, २८ सीट वाली आम आदमी पार्टी और श्री अरविन्द केजरीवाल के लिए सफलता का प्रतिक चिन्ह है जो दिल्ली के मुख्यमंत्री के शपथ लेने एवं राजनीती की नयी प्रस्तुति अवाजनीति के साथ संपन्न और सक्रिय भी हो गया.एक साल पुरानी पार्टी और राजनीती के परीक्षा में विशिष्टता के साथ २८ सीट हासिल कर दिग्गजों को इस तरह पटखनी देना अवाजनीति जो नुमाइंदगी वाली जम्हूरियत और प्रत्यक्ष लोकतंत्र की राजनीती का संलयन/फ्यूज़न है जिसमे आज के बाद राजनीति में सत्ता हासिल करने के तमाम सॉफ्टवेयर,तमाम एप्लीकेशन एवं तमाम पैतरे को एक नयी दिशा देगा।

अब तक नेतागण चुनाव तक आम आदमी होते थे और चुनाव जीतते ही यशस्वी व्यक्ति बन जाते थे और शपथ ग्रहण समारोह में इनके ड्रेसिंग सेंस,स्टाइल सेंस ऐसा होता था कि मानो फिल्मफेयर अवार्ड हासिल करने जा रहे हो परन्तु आज श्री अरविन्द केजरीवाल का सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर समारोह स्थल तक पहुचना और पद एवं गोपनीयता के शपथ लेने के साथ साथ आम आदमी को भी ईमानदारी और अनुसाशन का शपथ दिलाना आवाजनीति रुपी राजनीती की एक ऐसी प्रस्तुति है जो अनुभवी होने के तमगे से सुसज्जित नेतागण के अनुभव को चीख चीख कर ललकारती है की राजनीति सिर्फ a2+2ab+b2 के सूत्र और स्टैटिक इंटरनेट प्रोटोकॉल के इस्तेमाल से ही सफल नहीं होती है वल्कि सेवा,आवाज ,ईमानदारी,अनुशाशन एवं प्रत्यक्ष जन संवाद के मिश्रणयुक्त आवाजनीति का पारम्परिक राजनीति में संलयन/फ्यूज़न के भरोसे के साथ भी सफलता के अंतरिक्ष तक पहुंचाजा सकता है.आम आदमी पार्टी की गांधी टोपी,झाड़ु,ईमानदारी और मोहल्ला सभा के जरिये जनता से सीधा संवाद प्रतीकवाद की राजनीति नहीं है वल्कि ऐसी आवाजनीति है जो पारम्परिक राजनीति के विकास रैली,गर्जना रैली और संकल्प रैली इत्यादि जैसी तमाम मुह मियां मिट्ठू बन अपनी और अपनी पार्टी के जयघोष की प्रस्तुति पर इस कदर भारी पड़ती है जिसमे अनुभव और विरासत दोने ही अपंग और बौने मालूम पड़ते है.

आज फ्यूज़न/संलयन का ज़माना है. फ्यूज़न यानि एक सभ्यता या चरित्र के साथ दूसरे का संलयन कर एक अद्भुत स्वाद/ प्रस्तुति का निर्माण करना। उदहारणस्वरुप संगीत की दुनिया में जैसे शास्त्रीय संगीत में पश्चिमी संगीत का फ्यूज़न/संलयन कर एक नयी तरह के संगीत का निर्माण करना ठीक इसी तरह आंकड़ो एवं सांख्यिकी की क्षेत्र में आंकड़ो के एकरूपता और विविधता को समझ कर फ्यूज़न/संलयन के जरिये कम आंकड़ो से विशाल जनसँख्या की प्रतिनिधीत्व कराना आदि आज के दौर में सफलता के लिए प्रस्तुति का आधुनिक,सस्ता,कामुक और भरोसेमंद स्रोत है जिसका पुरे विश्व में चाहे वो राजनीती हो,आम नीति हो या ख़ासनीति हो सभी क्षेत्रो में सफलतापूर्वक प्रयोग हो रहा हैं.श्री अरविन्द केजरीवाल कि अवाजनीति परिवर्तन NGO से जनलोकपाल आंदोलन और आम आदमी पार्टी अपने आप में पारम्परिक राजनीती में आम आदमी की पीड़ा की आवाजनीति का फ्यूज़न/संलयन ही है जो सीधा ग्रीन चॅनेल के माध्यम से सफल राजनीती के एक्सप्रेसवे तक पहुंचाता है और इसी सूत्र के समझ में धाकड़,अनुभवी,और कद्दावर जैसे शब्दो से सम्बोधित होने वाले नेतागण पूरी तरह से मात खा गए.

पारम्परिक राजनीति करने वाले नेता हमेशा ही वन वे ट्रैफिक इस्तेमाल करते आये है जिसमे उन्हें सिर्फ वोट की जरुरत होती है, जनसेवा तो बस राम भरोसे छोड़ दी जाती है.लेकिन अब समय के परिवर्तित होने साथ साथ जनता के समक्ष चुनावी प्रस्ताव की पॉवर पॉइंट प्रस्तुति करने का तरीका भी परिवर्तित हो चला है और इसको सीखने और समझने के लिए कही जाने कि आवश्यकता नहीं है,श्री अरविन्द केजरीवाल की प्रेरणादायक,ईमानदार अवाजनीति वाली रणनीति से सीखें, इससे चुनावी विफलता के उत्तर भी मिल जायेंगे और सफलता के लिए नए नए प्रश्न भी.…

दिल्ली के सातवे मुख्यमंत्री बनने पर श्री अरविन्द केजरीवाल को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .… आप की अवाजनीति की जय हो.


(राहुल रंजन, मुम्बई स्थित एक निजी कम्पनी में कार्यरत हैं और जन सर्वेक्षण तथा कम्युनिकेशन के क्षेत्र में अपनी महती भूमिका अदा कर रहे हैं)

No comments: