Wednesday 9 January 2013

" दस्तावेज "

"श्रम साधना"
स्मारिका के सफल प्रकाशन के बाद

हम ला रहे हैं .....

स्वाधीनता के पैंसठ वर्ष और भारतीय संसद के छः दशकों की गति-प्रगति, उत्कर्ष-पराभव, गुण-दोष, लाभ-हानि और सुधार के उपायों पर आधारित सम्पूर्ण विवेचन, विश्लेषण अर्थात ...

" दस्तावेज "

जिसमें स्वतन्त्रता संग्राम के वीर शहीदों की स्मृति एवं संघर्ष गाथाओं, विजय के सोल्लास और विभाजन की पीड़ा के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र की यात्रा कथा, उपलब्धियों, विसंगतियों, राजनैतिक दुरागृह, विरोधाभाष, दागियों-बागियों का राजनीति में बढ़ता वर्चस्व, अवसरवादी दांव-पेच तथा गठजोड़ के दुष्परिणामों, व्यवस्थागत दोषों, लोकतंत्र के सजग प्रहरियों के सदप्रयासों, ज्वलंत मुद्दों तथा समस्याओं के निराकरण एवं सुधारात्मक उपायों सहित वह समस्त विषय सामग्री समाहित करने का प्रयास किया जाएगा, जिसकी कि इस प्रकार के दस्तावेज में अपेक्षा की जा सकती है.

इस दस्तावेज में देश भर के चर्तित राजनेताओं, ख्यातिनामा लेखकों, विद्वानों के लेख आमंत्रित किये गए है. स्मारिका का आकार -फोर (11गुणे 9 इंच) होगा तथा प्रष्टों की संख्या 1000 के आस-पास. इस अप्रतिम, अभिनव अभियान के साझीदार आप भी हो सकते हैं. विषयानुकूल लेख, रचनाएँ भेजें तथा साथ में प्रकाशन अनुमति, अपना पूरा पता एवं चित्र भी. विषय सामग्री केवल हिन्दी, उर्दू अंगरेजी भाषा में ही स्वीकार की जायेगी. लेख हमें हर हालत में 31/12/ 2012 तक प्राप्त हो जाने चाहिए ताकि उन्हें यथोचित स्थान दिया जा सके.

- हमारा पता -
जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड राइटर्स वेलफेयर एसोसिएशन
19/256
इंदिरा नगर, लखनऊ-226016
-मेल : journalistsindia@gmail.com,
           atulcreativeindia@gmail.com,
Please Contect- Atul Mohan Singh
मोबाइल 09455038215, 9451907315, 9793712340

प्रिय महोदय/महोदया,
जर्नलिस्ट्स, मीडिया एण्ड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा पूर्व में प्रकाशित स्मारिका "श्रम साधना" की अपार लोकप्रियता के बाद हम "स्वाधीनता के 65 वर्ष और भारतीय संसद के 6 दशक" की गति-प्रगति, उत्कर्ष-पराभव, गुण-दोष, लाभ-हानि, समस्याओं तथा सुधारात्मक उपाओं पर आधारित विवेचन-विश्लेषण को हम
"दस्तावेज़"
के रूप में प्रकाशित करने जा रहे हैं। प्रष्टों की संख्या 1000 से भी अधिक होने का अनुमान है और आकार -4 साइज (11गुणे 8 इंच)
दस्तावेज़ में समाहित विषय सामग्री :-
1.भारत एक दृष्टि में :-
महत्वपूर्ण तथ्य, भारत का राजनैतिक स्वरूप, जनगणना के आंकड़े, राज्य, कृषि , खनिज, उद्यम, परिवहन, प्राचीन इतिहास, प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत, युरॊपिओन का भारत में प्रवेश और आधिपत्य स्थापन, विद्रोह और उनके नायक, प्रमुख धार्मिक, सामाजिक और जनजातीय आन्दोलन, स्वाधीनता आन्दोलन, मुक्ति संघर्ष की प्रमुख घटनाएँ, राष्ट्र विभाजन की पीड़ा, लोकतंत्र की स्थापना, गांधीजी की हत्या, गणतंत्र बना भारत, अपना संविधान, भारत के राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष, मुख्या न्याधीश और उनके कार्यकाल।
2.जिनके कुशल नेतृत्व में की ओर बढ़ा भारत :-
समाजसेवा और सामाजिक चेतना के नायक, ज्ञान के वाहक, दुश्मनों के बार-बार के आक्रमण, अन्न संकट का दौर, पाकिस्तान का विभाजन और बंगलादेश का उदय, जनरल मानेक्शान, जब इंदिरा गांधी दुर्गा का प्रतिमान बनीं, संजय गांधी का राजनैतिक क्षितिज पर उदय, जयप्रकाश आन्दोलन, आक़्पात्काल, केंद्र में प्रथम गैर कान्ग्रेशी सरकार, जनता पार्टी का बिखराव, केंद्र में पुनः कांग्रेश की वापसी, खालशा आंदोलन और आपरेशन ब्लू स्टार, इंदिराजी की ह्त्या और सिख विरोधी दंगे, युवा प्रधानमंत्री राजिव, दलित चेतना के महानायक कांशीराम, किसानों के अगुवा महेंद्र सिंह टिकैत, राम मंदिर आन्दोलन की उग्रता, साम्प्रदायिक तनाव का दौर, बाबरी ध्वंश और उसके बाद की राष्ट्रीय पीड़ा, पी वी नरसिंह राव, निर्वाचन आयोग की सक्रियता, गोधरा और गुजरात दंगें, आतंकी घटनाओं से जूझता देश, सियासत का चारित्रिक पतन, धरमनिर्पेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता, सामाजिक सरोकारों के योद्धा राजनीति में क्षत्रपों का उदय, विदेशी बैंकों में जमा स्वदेशी कालाधन, पॊञ्जिवादिओन के गुलाम मीडिया समूह, चारण और भाटों की भूमिका में कारपोरेट मीडिया, जनाक्रोश, न्याय व्यवस्था की दुरिह्ताएं, अव्यवस्थित पंचायतीराज व्यवस्था, सता और पूंजी का घालमेल, क्षेत्रीयता की संकुचित राजनीति , नापाक सियासी गठजोड़, स्वाधीन भारत की मफ्त्वापुरण उपलब्धियां, उम्मीद भरे नेत्रत्वकर्ता।
3.ज्वलंत मुद्दे :-

मूल अधिकारों से वंचित आम आदमी, साम्प्रदायिकता और जातीयता, अनवरत भ्रष्टाचार, वैश्विक बिरादरी में भारत की गिरती साख, दोष्पुरण न्याय व्यवस्था, राजनीति का आप्राधीहरण, कुनबों की गिरफ्त में सियासत, लोकतंत्र बनाम लूटतंत्र, योजनागत लाभों का असंगत वितरण, आस्मां और महंगी शिक्षा, प्रतिभा और योग्यता की उपेक्षा, अमानवीय पुलिसतंत्र, असहाय न्याय व्यवस्था, आरक्षण की दिश्पूरण व्यवस्था, नैतिकता ताख पर, उपेक्षित अन्नदाता, अपसंस्क्रित के मकडजाल में युवा, शिक्षित बेरोजगारों की बद्ज्ती जमात, सेवक नहीं शासक की भूमिका में नौकरशाही, घटती बेटियाँ, उपेक्षित आधी आबादी, उच्च और तकनीकी शिक्षा का व्यवसायीकरण, उपेल्स्कित गाँव, असंवैधानिक जन्प्रतिनिधित्व, अपात्रों के हवाले योजनाओं का लाभ, शिक्षा के मंदिरों में सियासी अखाड़े,
और साथ में
देश के विद्वान् लेखकों के आलेख, रचनाएं, विचार, और सुधारात्मक उपाय
हम आपके सहयोग, समर्थन, शुभकामनाओं और उत्साहवर्धन की अपेक्षा करते हैं।

आप आने आलेख 31 जनवरी, 2013 तक journalistsindia@gmail.com, jmwa@in.com पर प्रेषित करें।
विस्तृत या अन्य किसी प्रकार प्रकार की जानकारी के सम्बन्ध में संपर्क करें ;-
अतुल मोहन सिंह ;-+91-9451907315, +91-9793712340 


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