इस बिल को छह हफ्तों के अंदर सरकार की मंजूरी मिलना अनिवार्य है। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस के दौरान छह दरिंदों की दरिंदगी की शिकार बनी दामिनी की रूह आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यही सोच रही होगी कि आज मुझे इंसाफ मिलना था, लेकिन राजनीति के ठेकेदारों की वजह से मेरी रूह फिर इंसाफ की तलाश में कभी फास्ट ट्रैक कोर्ट तो कभी संसद में भटकती रहेगी।

गृह मंत्रालय सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष करने को तैयार है, जिस पर काूनन मंत्रालय को आपत्ति है। क्या सहमति से सैक्स करने पर ऐसी दामिनियां मरने से बच जाएंगी या फिर और इस फैसले से अपनी आबरू लुटाने पर मजबूर होंगी। ये तो आने वाला वक्त ही बता सकता है। सरकार की बनाई जस्टिस वर्मा कमेटी ने इस मसौदे को लेकर 23 फरवरी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर नए कानून के लिए 3 फरवरी को अध्यादेश भी जारी हो गया था, लेकिन इस बिल पर सरकार के करिंदों को ही एतराज है।

गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को इस बिल की सिफारिशों में खोट नजर आ रहा है। इस बिल को 7 फरवरी को लिस्ट से आखिर मौके पर हटाना पड़ा। अतंरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अगर ये बिल पेश हो जाता, तो दामिनी की रूह को शांति मिल जानी थी। महिला दिवस पर हम उस शक्तिशाली युवती को सलाम करते हैं और पंजाब केसरी ग्रुप नारी दिवस पर प्रत्येक नारी से ये वादा भी करता है कि दब रही नारी शक्ति की यह ग्रुप आवाज बनेगा। आज हम उन महान नारियों को भी नम्र करते हैं जिन्होंने राष्ट्र की आन-बान और शान के लिए खुद का वजूद तक मिटा दिया। आज हम कुछ हस्तियों के नाम आपके समक्ष ला रहे हैं जिन्होंने घना अंधेरा होते भी एक लो जलाई और नारी जाति के समक्ष प्रमाण के रूप में पेश हुईं। इनमें किरण बेदी, अमृत बराड़, सुमन गुर्जर(एडीशनल एसपी) सांगवान, भावना राणा (समुद्री सीमा चौकसी) प्रमुख हैं। जिन्होंने अपने मजबूत इरादों से अपनी जगह बनाई है।