Tuesday 9 October 2012

kavita ki kavita ( ye lamha filhal ji lene de ): आज साथ है वो कुछ पल के लिए ,ये पल बदल जाये हर पल...

kavita ki kavita ( ye lamha filhal ji lene de ):
आज साथ है वो कुछ पल के लिए ,
ये पल बदल जाये हर पल...
: आज साथ है वो कुछ पल के लिए , ये पल बदल जाये हर पल के लिए ! फासलों के नाम से डर लगता है , उनके बिना सब कम लगता है ! क्यों  ज़िन्दगी ऐ...

No comments: