Monday 17 June 2013

दिल में है तू ही तू, अए हंसी लखनऊ

दिल में है तू ही तू 

अए हंसी लखनऊ 

तेरे दामन में है 
तेरे आँगन में है
जिन्दगी की खुशी
प्यार की रोशनी
फिर न कैसे करें
हम तेरी आरजू
अए हंसी लखनऊ
दिल से जब दिल मिले
प्यार के गुल खिले
हम रहे होश में 
तेरे आगोश में
हमने की है सदा
प्यार की जुस्तजू
तेरी बाहों में है
तेरी आंखों में है 
मयकशी का भरम
आशिकी का भरम 
तेरे दम से ही है 
मोहब्बत की आबरू
एकता का जहां 
तेरा दिल जाने जां
प्यार ही प्यार है 
तू वो गुलजार है 
जिसमे हमको मिली 
प्यार की रंगों बू
-रचनाकार अज़मेर अंसारी कशिश, लोकप्रिय पत्रकार हैं और तहजीब के शहर लखनऊ से ताल्लुक रखते हैं

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