Saturday 29 September 2012

राजनेताओं के स्वार्थ ने भुला दिया गांधीवाद

      
राजनेताओं के स्वार्थ ने भुला दिया गांधीवाद    
साम्राज्यवाद, सामंतवाद, पूंजीवाद के कुचक्र में गान्धीवाद
ग्राम स्वराज्य के बिना अधूरा है गांधी का भारत- संदीप पाण्डेय
'गांधी दर्शन और वर्तमान लोकतंत्र पर मंथन'
जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन" की और से गांधी की श्रृद्धांजलि
"गांधीजी के सपनों का भारत और वर्तमान लोकतंत्र" विषयक संगोष्ठी संपन्न
लखनऊ। 01 अक्टूबर  2012। राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी व्यक्ति नहीं बल्कि विचार है। उनके सपनों का भारत तो समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे की मुस्कान के साथ शुरू कोटा है और व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक तथा नैतिक उत्थान करना ही उनके करना उनके सपनों का भारत बनाने का ध्येय था। उक्त विचार गांधी  जन्मदिवस एवं वैश्विक अहिंसा दिवस  की पूर्व संध्या पर आयोजित गांधीजी के सपनों का भारत और मौजूदा लोकतंत्र विषयक विचार गोष्ठी में बोलते हुए वरिष्ठ गांधीवादी विचारक
और चिन्तक स्वरंकेतु भारद्वाज ने व्यक्त किये। इस संगोष्ठी का आयोजन  करनभाई सभागार, गांधी भवन परिसर, कैसरबाग, लखनऊ में "जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन" की ओर से किया गया।
         "राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के सपनों का भारत और वर्तमान लोकतंत्र" को श्रद्धान्जलि अर्पित करने के साथ-साथ उनके विचारों को वर्तमान पीढ़ी तथा समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुँचना है। उक्त विचार संगोष्ठी में प्रमुख  वक्ताओं में  राजनितिक विश्लेषक, पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री शरमा पूरन ने कहा महत्मा गांधीजी ने जो लड़ाई दक्षिण अफीका से आरम्भ की थी वह आज भी जारी है उनका सपना था कि दुनिया से साम्राज्यवाद, सामंतवाद, पूंजीवाद, तानाशाही और कुटिनीतिक शणयंत्रों को अब ख़त्म हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो उनके आत्मा तडपती रहेगी।  रमण मैग्सेसे पुरुष्कार विजेता एवं लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता श्री संदीप पाण्डेय ने जब तक देश में गैर बराबरी, जुल्म, अत्याचार, और सामाजिक आन्दोलनों को हिंसा के बल परदबाने की कोशिश की जाती रहेगी गांधीजी के सपनों का भारत नहीं बन सकता है। मौजूदा लोकतंत्र में सत्ता, शक्ति, और पून्जीका केन्द्रीयकरण करने की बात कही थी। ग्राम स्वाराज्य और नागरिक स्वावलंबन पर आज की सरकारें केवल खानापूर्ति कर रही हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था जर्जर हो चुकी है मगर सरकार को खुदरा व्यापार में भी पूंजे निवेश की जिद पकडे हुए है। शहर काजी लखनऊ  श्री मुफ्ती अबुल इरफ़ान मियाँ फिरंगी महली ने कहा गांधीजी ने हमेशा मजहबी और इत्तेहादी तंजीमों को आपस में मिल्झुलकर कार्य करना सिखाया। आज के सियासतबाज़ मजहबी कट्टरता और साम्प्रदायिकता का ज़हर घोलकर अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं। वरिष्ठ गांधीवादी चिन्तक और कार्यकर्ता श्री अक्षय कुमार करन भाई की सुपुत्री एवं गांधीवादी विचारक श्रीमती आशा सिंह ने कहा कि गांधीजी के मूल सिद्धांत सत्य और अहिंसा आज भी प्रसांगिक हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा उनके जन्मदिवस को विस्वा अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया जाना ही इस बात का प्रमाण है कि उनके विचारों को आज भी पूरी न सिर्फ मानती है बल्कि उस पर अमल भी करने को मजबूर है। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ एस यादव ने इस अवसर पर कहा कि गांधीजी शरीर नहीं एक पुस्तकालय हैं यहतो अध्यनकर्ताओं पर निर्भर करता है वह उनकी किस पुस्तक से सन्दर्भ ग्रहण करता है।गांधी दर्शन पर आक्षेप लगाना गलत है जिस दिन लोगों के मन में उनके प्रति श्रद्धा नहीं रहेगी समाज जंगलराज मेंब बदल जाएगा अयोग्य लोगों की उत्तरजीविता समाप्त हो जायेगी। संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी सुप्रषिद्ध चिकित्सक तथा दैनिक अवध दर्पण के सम्पादक डॉ अजय दत्त शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि गांधीजी ने प्राकर्तिक चिकित्सा पद्धति को जीवन प्रदान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान की।  सहित कई अन्य विचारक गांधीजी के दर्शन पर अपने विचार प्रस्तुत कर रहे हैं।
           इस अवसर पे आयोजन समिति में "जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन" के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ हरीराम त्रिपाठी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अशोक सिंह, राष्ट्रीय मुख्य महासचिव श्री एस एन शुक्ल, राष्ट्रीय महासचिव श्री लालता प्रसाद 'आचार्य', राष्ट्रीय सचिव श्री अजमेर अंसारी, डॉ हारिस सिद्दीकी, श्री रविशंकर उपाध्याय, श्री अतुलमोहन 'समदर्शी', राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री सौरभ महावर, राष्ट्रीय कार्यपरिषद के सदस्य डॉ अजय दत्त शर्मा, डॉ अलोक चान्टिया, डॉ आशीष वशिष्ठ, श्री राकेश सक्सेना, श्री अमित श्रीवास्तव, श्री मुकेश वर्मा, श्रीमती बेगम शहनाज़ सिदरत, श्री अनुपम पाण्डेय, श्री विजय कुमार सिंह, श्री रमनलाल अग्रवाल, श्री ब्रजेश तिवारी, श्रीमती नसीम ज़हा, श्रीमती समीना फिरदौस, श्रीमती आलिया अख्तर, श्री अमिताभ नीलम, श्री राजकुमार सिंह, श्री देवेन्द्र शुक्ल, श्री मो रफ़ीक, श्री मो इकबाल, श्री श्याम सिंह, श्री दीप चक्रवर्ती, श्री हिमांशु वशिष्ठ, श्री प्रशांत गौरव, श्री हरिभान यादव, श्री सुशील मौर्य, श्री अरविन्द विद्रोही, श्री अरविन्द जयतिलक, श्री धर्मेन्द्र भारती, सुश्री अमिता शुक्ला, सुश्री संतोषी दास, श्री मिथिलेश धर दूबे, श्री शिवशंकर उपाध्याय, श्री ब्रिजपाल सिंह सहित उत्तर प्रदेश के सैकड़ों पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, अधिवक्ता, लेखक, धर्मगुरू  एवं गणमान्य प्रबुद्धवर्ग की उपस्थिति होना सुनिश्चित हो रही है। 
                                                                         
                                                                                                                 भवदीय 
                                                                                                           अतुल मोहन सिंह  
                                                                                                             राष्ट्रीय सचिव 
                                                                               जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन 
                                                                                              09451907315, 09793712340
                                                                                      jmwa@in.com, journalistsindia@gmail.com

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