Thursday 6 March 2014

आम आदमी नहीं होता अराजक


मृत्युंजय दीक्षित 
49 दिनों तक दिल्ली में मुख्यमंत्री रहते हुए हर बात पर अराजकता फैलाने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लोग अब पूरी तरह से अनुषासनहीन और अराजक हो गये हैं। कुछ राजनैतिक विष्लेषक उनकी अराजकता और उदंडता को अनुभवहीनता का परिचायक बताकर बचाव कर रहे हैं। अपनी राजनीति को चमकाने के लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लोग आम आदमी पार्टी की सफेद पोटी पहनकर राजमोहन गांधी जैसे समाज के चुके हुए लोगों के सहारे संसदीय राजनीति में अपनी पताका पहराने का स्वन देख रहे हैं। 
जब से जनलोकपाल के बेसिर पैर के मुददे पर दिल्ली की जनता से झूठ बोलकर मुख्यमंत्री पद से भागे हैं। तभी से वे लगातर झूठ पर झूठ बोलकर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी और काग्रेसी युवराज राहुल गांधी के खिलाफ सुनियोजित प्रायोजित अभियान चला रखा है। यह बात अब साफ हो गयी है कि केंजरीवाल पूरी तरह मानसिक रूप से अपराधी, हिंसक मनोवृत्ति वाले दो टके के सड़क छाप नेता हैं।जब उन्हें मोदी को बदनाम करने के लिए कुछ नहीं मिला तब उन्होंने गुजरात के विकास का रियलिटी टेस्ट करने व मोदी को गुजरात में ही घेरने की गरज से वहांका दौरा करने का प्रयास किया।लोकतंत्र मेंहरकिसी को चुनाव लड़ने जनता के बीच जाने और अपनी बात रखने का अधिकार दिया गया है।लेकिन इसके बीच भी कुछ कानूनी सीमाएं होती है, नियम होते हेैं। अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी के लोग इन सब बातों को भूलकर सभी संवैधानिक मर्यादाओं व लांेकतांत्रिक परम्पराओं का हनन करने पर उतारू हो गये हैंे। 
छह मार्च को चुनाव आयोग की ओर से आदर्ष आचार संहिता लगाने के बाद वे बिना अनुमति के रोड षो निकालना चाह रहे थे। लेकिन जब उनके काफिले के साथ पांच सौ लोग भी नहीं जुट पाये तब उन्होनें एक सोची समझी राजनीति के तहत अपनी स्क्रिप्ट बदल दी। गुजरात पुलिस उन्हंे किसी भी कीमत पर गिरफ्तार नहीं करना चाह रही थी लेकिन जनता के बीच में हीरो बनने के लिए मोदी को गाली देने के लिए स्वांग रच ही दिया।
प्ूारी तरह से नौटंकीबाज केजरीवाल ने यहां पर फिर झूठ का सहारा लिया। अपनी गिरफ्तारी की खबर एक एसएमएस के माध्यम से दिल्ली पहुचा दी। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के तथाकथित नेताओं का मीडिया में आने का तथाकथित प्रेम एक बार फिर उजागर हो गया। देषद्रोही बयान देेने के लिए लोकप्रिय प्रषांत भूषण व तथाकथित पत्रकार आषुतोष गुजरात व मोदी को गालियां देने के लिए मैदान में कूद पड़े।लेकिन जब यह दांव भी उल्टा पड़ने लगा तो केजरीवाल ने एक बार फिर पार्टी कार्यकर्ताओं को उकसा दिया। उसके बाद देर षाम के बाद देषभर के कई हिस्सों में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राजधानी दिल्ली सहित अन्य षहरों में भाजपा कार्यालयों पर हमला बेाला उसे टीवी पर सोषल मीडिया में सभी ने देखा। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता आषुतोष व तथाकथित नकली गांधीवादी राजमोहन गांधी ने जिस प्रकार का व्यवहार प्रदर्षन किया उससे इन लोगों के प्रचंड पाखंड की कलई खुल गयी है। इनका एकमात्र मकसद मोदी को बदनाम करना ही था। जोकि अब इनके विपरीत जा रहा है।
आम आदमी पार्टी अब लोकतांत्रिक नहीं अपितु पूुरी तरह से भीड़तंत्र में स्थापित हो चुका है।यह गुंडा तंत्र है। केजरीवाल को यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए की अब देष की जनता समझदार है अगर सिर आंखों पर बैठाती हो तो वह राजनैतिक परिदृष्य से ऐसे नेताओं को गायब भी कर देती है। वह नियमों के विपरीत जाना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल का यह बड़ा सौभाग्य है कि वह भारत में जन्मे हैं।यदि अमेरिका आदि में कानून तोड़ते तो वे वहां क्या करते ? 
लोकतंत्र में विरोध करने का अपना एक तरीका होता है। लोकतंत्र में जनता का दिल हिंसा और अराजकाता फैलाकर नहीे जीता जा सकता है। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज हो चुकी है। चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस आम आदमी के नेताओं के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। उस पर भी आम आदमी पार्टी को लगता है कि सब कुछ मोदी के इषारे पर हो रहा है। यह लोग भाजपा और मोदी की बढ़त से जल गये हैं। आम जनता और प्रबुद्ध वर्ग के बीच इन लोगों के प्रचंड पाखंड की पोल खुल चुकी है।आम आदमी पार्टी के नेताओं की एकाध सीटों को छोड़कर पूरे देष में जमानत जब्त होने जा रही है। जिसे केजरीवाल भलीभांति जान गये हैं। इसलिए सीआईए के पैसे के बल पर दंगा फैलाने , अराजकाता फैलाने पर भी उतारू हो गये हैं।देष की जनता ऐसे नेताओं को सबक सिखयेगी।

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