Tuesday 18 February 2014

यूपीए के डूबते जहाज को बचाने की कवायद

बेनी ने पत्रकारों को बांटे नोट और मोबाइल



-अतुल मोहन समदर्शी 

लखनऊ। यूपीए सरकार को डूबने से बचाने के प्रयास जारी हो गए हैं। कांग्रेस के बड़े नेता और मंत्रीमंडल के सदस्य इसके लिए पत्रकारों को बतौर पेशगी उपहार बांटने का काम कर रहे हैं। वहीं कुछ बड़े दर्जे के मान जाने वाले पत्रकारों को मंत्रालय में बतौर सहयोगी सदस्य के रूप में नामित किये जाने तक का प्रलोभन दिया जा रहा है. ऐसा ही एक वाकया सोमवार राजधानी के होटल ताज में भी देखने को मिला जब पत्रकारों को  इस्पात मंत्रालय में सदस्य नामित करने सहित अन्य कई प्रलोभन देने के सफल प्रयास किये गए। लोकसभा चुनावों की अधिसूचना इसी महीने जारी होने की संभावना है। इससे ठीक पहले केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने सोमवार को होटल ताज में एक करोड़ से ज्यादा रुपए कैश बांटा। इस्पात उपभोक्ता परिषद की सदस्यता के नाम पर ज्यादातर पैसा लखनऊ और बाराबंकी के पत्रकारों व मंत्रीजी के संसदीय क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को दिया गया। हालांकि कुछ पत्रकारों ने समिति का सदस्य बनने से इनकार कर दिया। इसके अलावा पत्रकारों समेत करीब एक हजार से अधिक लोगों को बेनी ने ट्रॉली सूटकेस और मोबाइल फोन भी दिया।

पिछले दिनों लखनऊ के कई पत्रकारों को दिल्ली स्थित केंद्रीय इस्पात मंत्री के आवास से फोन कर उनका नाम और पता नोट किया गया। पूछने पर बताया गया कि मंत्रीजी के कहने पर उनका पता नोट किया जा रहा है। चार दिन पहले पत्रकारों के घर एक पत्र आया जिसमें उन्हें इस्पात उपभोक्ता परिषद का सदस्य बनने की जानकारी दी गई। दो दिन पहले पत्रकारों को एसएमएस के जरिए जानकारी दी गई कि उन्हें परिषद का सदस्य बनाया गया है। परिषद की बैठक तीन फरवरी को लखनऊ के फाइव स्टार होटल में है। बैठक के लिए बनने वाले पहचान-पत्र के लिए वह अपनी दो फोटो साथ लेकर आएं। साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि बैठक के बाद इस्पात मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। पत्रकार जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, तो वहां हजारों की भीड़ पहले से मौजूद थी। सदस्य बनने के लिए धक्का मुक्की भी जमकर हो रही थी। पता चला कि उपभोक्ता परिषद का सदस्य बनने के लिए गोंडा और लखनऊ के कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को बुलाया गया था। बैठक में शिरकत करने के लिए गोंडा और अन्य शहरों से आने वाले नवनियुक्त सदस्यों को एसी टू के किराए के साथ सात हजार रुपये का डीए और एक हजार रुपए लोकल कन्वेंस का भुगतान किया गया।

इधर बैठक, उधर धक्का-मुक्की स्थिति यह थी कि जिस समय उपभोक्ता परिषद की बैठक चल रही थी, उस समय बैठक में शिरकत करने आए नवनियुक्त सदस्य टीए और डीए के भुगतान के लिए काउंटरों पर भीड़ लगाए थे। और तो और बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस भी खत्म हो गई लेकिन, काउंटर पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। टीए और डीए के भुगतान के साथ ही सदस्यों को करीब डेढ़ हजार रुपए कीमत का मोबाइल फोन और एक ब्रीफकेस भी दिया गया। कुछ ने इनकार भी किया टीवी चैनल और अखबारों के कुछ पत्रकारों ने सदस्य बनने से इनकार भी किया। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने बताया कि उनके पास भी इस्पात मंत्रालय से सदस्य बनाने की जानकारी देने वाला फोन आया था पर उन्होंने सदस्य बनने से इनकार कर दिया। कितना काम करेगी कमेटी? मंत्रीजी ने जो कमेटी गठित की है उसका कार्यकाल महज 31 मार्च 2014 तक ही है। यानी एक माह 24 दिन का कार्यकाल होगा इस कमेटी का। ऐसे में कमेटी कितना काम करेगी, यह बड़ा सवाल है।




- लखनऊ के युवा पत्रकार अतुल मोहन समदर्शी की रिपोर्ट।

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