Monday 24 February 2014

अब पूरी तरह से अराजक हो गये हैं केजरीवाल



-मृत्युंजय दीक्षित


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विगत दिनों जिस प्रकार से दिल्ली पुलिस के बहाने कांग्रेस व भाजपा के खिलाफ हल्ला बोला तथा जनता के बड़े हितैषी बनकर 32 घंटे तक धरना देकर  दिल्ली को बंधक बनाने का असफल प्रयास किया वह भारतीय राजनीति का एक बेहद काला अध्याय है। जिसे एक आम भारतीय नागरिक किसी भी प्रकार से पसंद नहीं कर रहा है। कुछ इलेक्ट्रानिक चैनल पता नहीं किस इरादे से सारे सारे दिन केवल और केवल अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों की गतिविधियों को ही टी. वी. पर दिखा रहे हैं। टी वी चैनल अपने सर्वे में अरविंद केजरीवाल को एक ऐसे घोड़े के रूप में प्रचारित कर रहे हैं कि मानो वे मोदी के अष्वमेघ यज्ञ के घोड़े को रोकने का काम करने वाले हैं।

लेकिन दिल्ली में  32 घंटे के धरने के बाद जिस प्रकार की राजनीति व बयानबाजियां प्रारम्भ हो गयी है उनमें भी मनोरंजन का तड़का लग गया है। कांग्रेस व भाजपा के नेता तो हमले कर ही रहे हैं लेकिन अब गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और  शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने समाना समाचार पत्र में लिखे अपने लेख में अरविंद  केजरीवाल पर जिस प्रकार से हमला बोला है उससे तो मजा ही आ गया है। सही भी है आज आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राजनैतिक मर्यादाओं,  संविधान और कानून सभी को चुनौती दे डाली है जैसेकि यह देश उनका गुलाम बन गया हो। अरविंद केजरीवाल को यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए कि उनका चुनाव निषान झाढूं खूब अच्छी सफाई तो कर देती है लेकिन उसकी स्वयं ऐसी हालत हो जाती है कि वह भी तार- तार हो जाती है । कूड़े के ढेर में झाड़ू की तीलियों का अस्तित्व भी नहीं दिखलाई पड़ता है। यही हाल आम आदमी पार्टी का भी हो सकता है।

देश का आम मतदाता अब बहुत जागरूक हो चुका है। अरविंद केजरीवाल अब पूरी तरह से पटरी से उतर चुके  हैं उन्होंने जिस प्रकार से अपने बेवकूफ मंत्रियों सोमनाथ भारती आदि का बचाव किया है उसके बाद अब उन्होनें भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने का अधिकार खो दिया है। कांग्रेस का समर्थन करके उनकी पोल खुल चुकी है। आम आदमी तंग आ चुका है।दिल्ली वासियों एक न एक दिन अपनी गलतियों का एहसास अवश्य  होगा कि उसे इस बात का भी ज्ञान नहीं हैं कि एक मुख्यमंत्री को किस प्रकार से शासन करना चाहिये। आम आदमी पार्टी के लोग पूरे देश के लोगों को बेईमान और स्वयं को सबसे बड़ा ईमानदार बताने का राजनैतिक ढोंग रच रहे हैं। इन्हें देश के गणतंत्र का सम्मान करना नहीं आता। एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया कहते हैं कि अब तो इस प्रकार के धरने होते ही रहेंगे। उन्हें संभवतः यह नहीं पता कि राजधानी लखनऊ में कई सामाजिक, राजनैतिक संगठनों के लोग प्रतिदिन धरना देते रहते हैं। फिर उनमें और आम आदमी पार्टी में अंतर ही क्या रह जायेगा। हर समस्या का अंत धरने बाजी ही नहीं हैं ।

कल को बिहार के मुख्यमंत्री  धरने पर बैठकर कहें कि बिहार को विषेष राज्य का दर्जा दो नहीं तो, उप्र के मुख्यमंत्री धरने पर बैठकर कहने लग जायें कि केंद्र सरकार विकास के लिए और अधिक पैसा जारी करे। वहीं कोई अलगाववादी संगठन का मुख्यमंत्री या नेता कहने लग जाये कि हमको आजाद कर दो, इससे तो अराजकता  फैल जायेगी। वहीं देश में बहुत से धार्मिक संगठन हैं वह कहें कि मंदिर बनवा दो मस्जिद बनवा दो। तब देश की क्या स्थिति होगी यह केजरीवाल को पता है। केजरीवाल ने शपथ की भावना को तोड़ा है। उनकी हरकतों सेदेश की विश्व में जो बदनामी हुई है वह शर्मसार करने वाली है। इसे  देशवासियों को अपनी अंतरआत्मा से समझना होगा। कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने विदेशी महिलाओं के साथ  देर रात बदसलूकी करके भारतीय संस्कृति की मूल भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। अतिथि देवो भव को ठेस पहुँचायी है। इससे पहले कानून मंत्री ने जजों की बैठक सचिवालय में बुलाने की बात कहकर कानून को भी अपनी रखैल बनाने का अनोखा प्रयास किया। केजरीवाल अब पूरी तरह से मुद्दों से भटक चुके हैं। उन्हें पता चल चुका है कि जनलोकपाल बिल लाने का वायदा वह पूरा नहीं कर सकते । साथ ही उनकी अन्य घोषणाएं भी झूठ का पुलिंदा बन चुकी हैं। आम आदमी पार्टी सदस्यता अभियान भले ही आगे चल रहा हो लेकिन वह भी झूठ का पुलिंदा भर ही हैं। आजकल एक फैषन भी बन गया हैं । जिसे देखो वहीं फार्म भर रहा है और टोपी पहनकर अपने आप को आम आदमी घोषित कर रहा है। इतने बड़े  देश में सभी आम आदमी नहीं है।

समाज में बहुत से चोर, उचक्के, लफंगे और बदमाश तथा भ्रष्टाचार में लिप्त लोग हैं जो आम आदमी की टोपी पहनकर अपने आप को सबसे बड़ा ईमानदार बताने का प्रयास करके देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। अपितु अब तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह बहुरूपियों का दल है जो देश के संविधान, मान मर्यादा और इज्जत को सरेआम तार- तार करने के लिये एक विदेशी चिडिय़ा के कालेधन के बल पर पैदा किया गया खतरनाक चूहा है जो पूरे देश को छेद करके खा जायेगा। देश के बहुसंख्यक हिंदू समाज को इस प्रकार के अराजक राजनैतिक दलों को अच्छी प्रकार से समझना होगा नहीं तो उन्होंने यदि जरा सी भी भूल कर दी तो फिर अयोध्या के रामलला सदा के लिये फटे पर्दे में ही रहने को मजबूर हो जायेंगे। भारत में अलगाववादी ताकतें उफान पर होंगी। लेकिन केजरीवाल धरने पर बैठा होगा। आज विश्व के अधिकांश देशों की राजधानियों की पुलिस केंद्रीय सरकारों के ही अधीन है केजरीवाल की यह मांग असंवैधानिक और बेमानी है कि दिल्ली पुलिस को राज्य के हवाले कर दिया जाये, ताकि वह उसका मनमाना दुरूपयोग कर सकें।

आइये अब बात करें गृहमंत्री और  ठाकरे के बयानों की। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बयान दिया है कि केजरीवाल पागल, राक्षस,  नक्सली मुख्यमंत्री है। जबकि  शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने सामना समाचार पत्र में अपनी टिप्पणी में लिखा है कि आम आदमी पार्टी बदनाम आइटम गर्ल की तरह हो गयी है। साथ ही उन्होनें यह भी कह डाला है कि केजरीवाल की जगह राखी सावंत को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जाये तो वह केजरीवाल से कहीं अधिक अच्छा काम करेंगी।इस पर राखी सावंत ने अपनी सकारात्मक टिप्पणी देते हुए कहा हैं किवाकई मै केंजरीवाल से कहीं अधिक अच्छा काम करने में सक्षम हूं।  मुंबई में आम आदमी पार्टी की बढ़त पर राखी का कहना है कि यह मुंबई है  मुंबई यहां पर आप के बड़े भी बाप बैठे हैं।यही हाल पूरे भारत का हो रहा है। दिल्ली की मात्र 70 सीटों में से 28 सीटें जीतकर केजरीवाल अपने आप को नीति नियंता समझ बैठे हैं। पता नहीं उनको किसने प्रधानमंत्री बनवाने का सपना दिखा दिया है।उनको अपनी खांसी का इलाज करवाना चाहिये और शांत मन से यदि दिल्ली का मुख्यमंत्री बने रहना है और राजनीति का लम्बा खिलाड़ी बनना है तो अपने अंदर तथा पार्टी के अन्य नेताओं में और अधिक राजनैतिक परिपक्वता लानी होगी। अब उनके धरनेबाजी की नौटंकी को सब समझ गये हैं। जिसमें चेतन भगत भी हैं संतोष हेगड़े और कैप्टन गोपीनाथ मुंडे सहित फिल्म अभिनेता अनुपम खेर  निराश हैं। अब उन्हें अपनी  निराशा से बचना है तो टी. वी. पर सारा- सारा दिन आने का मोह छोड़कर जनहित के कामों को कानून के दायरे में रहकर करना पड़ेगा।
  ( मृत्युंजय दीक्षित वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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